DDT FULL FORM

DDT Full Form – Dichloro-Diphenyl-Trichloroethane
‘ डायक्लोरो -डाइफेनाइल – ट्रीकलोरोंएथेन होता है । यह एक रासायनिक अम्ल होता है जो की स्वाद हीन में रंग हीन स्वाद
हीन तथा गन्धहीन भी होता है समान्तयः बहुत से रासायनिक तत्त्व एसे ही होते है फिर ये उनमे से अलग है क्युकी DDT एक क्रिस्टलीय रासायनिक यौगिक है।

DDT को एक रूप में कार्बोक्लोरिड भी कहा जाता है DDT का मुलतयः विकाश कीट नाशी के रूप में होता है परन्तु इसके पर्यावरणीय दुष्प्रभावों के चलते इसका उपयोग खत्म करना पड़ा क्युकी हमरा विस्व का पर्यावरण अतियंत्त दूषित होता जा रहा है इन रासायनिक तत्वों के खातिर इसे इन जैसे सभी रासायनिक तत्वों को बंद करना आवश्यक हो गया है अन्यथा अनेक जीव जंतु इन रासायनिक तत्वों से रोजाना मारते थे जैसा की मैंने बताया की यह कीट नाशक था ारतात इसे अस्पस्ट होता है कि यह कीटों के लिए उपयोग किये जाने वाला रासायनिक यौगिक है|

इसका पहला उपयोग मचारो को मारने के ली एक जलरीली दवा है जब यह दवा कीटो के ऊपर डाली जाती है तो यह दवा उनके ऊतकों में जमा हो जाती है और कई वर्षो तक यह सक्रिय रहती है जब यह दवाई DDT पर डाली जाती है तो इनके संपर्क में अनेक कीट इस दवा के संपर्क में आते है जिसे जिसे कीटो के अंदर न्यूरान्स को पभावित करते है जिस कारण उनकी मौत हो जाती है इसस तरह से DDT का उपयोग फसलों के लिए किया जाता|
इतना ही नहीं DDT का उपयोग पूर्व में जउन मारने के लिए भी किया जाता था परन्तु बाद में इसका उपयोग बंद हो गया था|
आपको इतनी पोस्ट से अस्पस्ट हो गया होगा की ड्डत क्या है छैय हम अब आपको इसके अतीत में ले चलते है|

DDT की एतिहासिक जानकारी

अब हम DDT के इतिहास क बारे में बात करने जा रहे  हम बता दे की ड्डत को सबसे पहले 1874  में संसलेसित किया गया था और इसका उपयोग दूतिये विस्वा योद्ध में सैनिको को मलेरिया और टैफेटस जैसे बीमारी को रोखने के लिए किया गया था एसा कहा जाता है की DDT  को 1970. में विस्वयुद्ध के दौरान इसका उत्पादन 386  मिलों पौंड तक किया गया था ड्डत एक एसा रासायनिक योगिक है जो वसा में आसानी से एकत्रित हो जाता है वैसे जैसे ये ड्डत खाद्य पदार्थ में आसानी से घुलनशील हो जाता है। DDT को अधिक मात्रा में लेने पर हमारे होंठो और जीभ पर बुरा प्रभाव पड़ता है|

तथा इसके कारण यकृत और गुर्दा दोनों ख़राब हो जाते है तथा कैंसर का भी खतरा रहता है इसका उपयोग सर्वाधिक दूसरे विस्वा योद्ध म किया था तथा इसका अविष्कार Paul Herman muller ने किया था । यह रासायनिक योगिक कीटनाशक थी तथा इसी कारन कुछ वर्षो बाद लोग खेतो म इसका उपयोग करने लगे ।

WHO के अनुसार 

की लगभग 10 लाख लोग हर वर्ष इस दवाई से प्रभावित होते थे करते थे क्युकी यह एक जहरीली दवाई थी जिसे इंसान ही नहीं बल्कि हमारा पर्यावरण भी प्रभावित होता था इसका सबसे ज्यादा उपयोग अमेरिका में 1959. में एक स्प्रे के रूप म हुआ । मूलर के इस दवाई के अविष्कार के लिए नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया क्युकी दूसरे विस्वा युद्ध में आम जनता को टॉयफायटस व मलेरिया जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए एक मात्र उपाय तथा जिससे बहुतो की जान बची जिसे यह दवाई फायदे मंद भी साबित हुई है ।

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