FIR Full Form In Hindi | FIR Meaning In Hindi | 2021| Techy Bul

FIR FULL FORM

First Information Report

 

FIR क्या होता है ? 

क्या आप जानते हैं की FIR क्या होता है ?हर रोज हमारे देश में लाखो FIR दर्ज होता है पर अगर आपको FIR की पूरी जानकारी चाहिए तोह आप सही जगह आए है।

FIR का यह  मतलब है की अगर कोई Area में Crime होता है तो उस Area में Police Station भी होता उसी Police Station में उस Crime Report दर्ज होती हैं उसे FIR कहते हैं ।

Crime 2 तरह के होते है ।

संगीन जिसे अंग्रेजी में Cognizable कहते हैं और 2 Non-Cognizable यानी आसंगीय अपराध जिसे NCR भी बोलते है ।जिसका Full Form Non-Cognizable Report । जो इतना Important तो नहीं होता But Police Records में लिखा जाता हैं।

 

(COGNIZABLE CRIME)  संगीन अपराध क्या हैं।

संगीन अपराध का मतलब यह है की कोई बड़ा Crime जैसे की Murder, Rape,Acid Attack Ect. ये सभी  संगीन अपराध के अंतर्गत आते है जिसे अंग्रेजी में Cognizable Crime कहते है । FIR Full Form In Hindi

IPC की धारा 154 में लिखा है की अगर कोई Crime होता है तो Police को हर हाल में FIR लिखनी ही पड़ेगी वरना वह अपराधी माना जाएगा ।

FIR का एक Serial Number भी होता हैं जिसे FIR Number कहा जाता है FIR Full Form In Hindi जैसे Example की लिए 164/2019इसका मतलब यह हुआ की उस थाना में 2019 में मुकदमा १६४वे Number में FIR था।FIR Full Form In Hindi जब इतना Serial Number पता चल जाता है तो Police उसके आगे अपनी जाँच शुरू कर देती है।

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0 FIR क्या होती है

आपने FIR ,NCR के बारे में तोह जान लिया लेकिन इसी से जुडी एक कड़ी 0 FIR भी है क्या आप जानते की 0 FIR क्या है?0 FIR का मतलब एक ऐसा FIR जिसका कोई Number नहीं होता है FIR Full Form In Hindi जैसे की (सुशांत सिंह राजपूत) का केस मुंबई का है ।

क्यूकि Accident Place मुंबई है तो केस भी वही का हुआ लेकिन उनके पिता जी पटना में रहते है तो उन्होंने अपना केस पटना में लिखवा दिया है । FIR Full Form In Hindi तो ये थाना को अधिकार नहीं है की किसी दूसरे थाना का केस अपने थाना में लिखे कहने का मतलब FIR तोह आप करा सकते है।

But केस का Serial Number नही दिया जायगा इस लिए उसके आगे 0 लिख दिया जाएगा  मतलब उस FIR का नंबर नहीं है लेकिन FIR लिखी जाएगी क्यूकि FIR नहीं लिखी तोह IPC की धारा 154 के तहत Police ही Criminal बन्न जायगी उसे 0 FIR कहते है ।

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Police पूछ ताछ के लिए बुला सकती है लेकिन Warrant नहीं जारी कर सकती है।FIR Full Form In Hindi तोह जब कभी भी जो भी घटना होती है अगर उस घटना Assthal के अलावा किसी दूसरे थाना चेत्र में FIR लिख देते हैं तो उसे 0 FIR कहते है।

CONCLUSION

कहने का सारांश यह था की FIR ki value जयादा और NCR की value कम होती है FIR की बाद पुलिस Investigation करती और पता लगाती है की FIR सही है या गलत Police के Chart Sheet बनाती है । जिसे हिंदी में आरोप पत्र कहते है।FIR Full Form In Hindi फिर उसे आरोप पत्र पर  सारी धाराय लिखी जाती है Crime को ध्यान Me रखते हुए।

जैसे ही आरोप पत्र बन्न जाता है IPC का काम खत्म हो जाता है और Court का काम शुरू हो जाता है और Criminal Processor Court के तहत मुकदमा चलता रहता है जब तक अपराधी निर्दोष न साबित हो जाए ।

मैं दिल से आशा करती हु की आप FIR ,NCR 0 FIR के बारे में जान गए होंगे आपको हमारा Article कैसा लगा ?Please Comment में बताईए ।

Thankyou So Much For Reading My Post

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